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दिल धडकने का सबब याद आया

दिल धड़कने का सबब याद आया।
 उसका चेहरा हमें बेसबब याद आया।।

 छाने लगी धड़कनों पर खुमारी सी,
 न पूछो वह कितना और कब याद आया।

 जब ठोकरें मिलीं इस जमाने से ,
काफिरों को भी फिर रब याद आया ।

जिंदगी भर जिससे इजहार न किया ,
मौत के आगोश में वही अब याद आया।

जब छोड़कर चला गया वो ये दुनिया,
हुनर उस शख्स का तब याद आया।

जख्म दिल के मत कुरेदना प्रीति,
 जिसे भूल बैठे थे सब याद आया।

प्रीति चौधरी"मनोरमा"
जनपद बुलंदशहर
उत्तरप्रदेश

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2 Comments

Wahhhhh बहुत ही खूबसूरत भाव

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Varsha_Upadhyay

22-Jul-2023 07:03 PM

बहुत खूब

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